Monday, December 23, 2024
spot_img
Homeसमाचारगलत मूल्यांकन करने वाले शिक्षक होंगे डिबार : डॉ. धन सिंह रावत

गलत मूल्यांकन करने वाले शिक्षक होंगे डिबार : डॉ. धन सिंह रावत

देहरादून, 26 जून। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में हुई गड़बड़ी को सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति को इस संबंध में जांच के निर्देश दिये हैं। डा. रावत ने उत्तर पुस्तिकाओं का गलत मूल्यांकन करने वाले परीक्षकों को दस साल के लिये डिबार करने के सख्त निर्देश दिये हैं, साथ ही उन्होंने कुलपति को विश्वविद्यालय में स्थाई परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति करने को भी कहा है।

सूबे उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में परीक्षा मूल्यांकन में हुई गड़बड़ी को बड़ी चूक बताया। मीडिया को जारी बयान में डा. रावत ने कहा कि प्रकरण की गम्भीरत को देखते हुये विश्वविद्यालय के कुलपति को जांच के निर्देश दे दिये हैं। जांच में जो भी पहलू सामने आयेंगे, उसके मुताबिक ठोस कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लापरवाही बरतने वाले परीक्षकों के खिलाफ भी कार्यवाही करने के निर्देश दे दिये गये हैं। ऐसे लापरवाह शिक्षकों को आगामी दस साल के लिये परीक्षा मूल्यांकन से डिबार जायेगा ताकि भविष्य में दोबारा ऐसी गलती न हो सके। विभागीय मंत्री ने विश्वविद्यालय में स्थाई परीक्षा नियंत्रक न होन पर नाराजगी जताई। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति को स्थाई परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति के लिये शीघ्र विज्ञप्ति जारी करने को कहा, ताकि विश्वविद्यालय में परीक्षाओं का आयोजन, पारदर्शी मूल्यांकन व परीक्षाफल समय पर घोषित किये जा सके और परीक्षा मूल्यांकन में हो रही गड़बड़ी को रोका जा सके।

*निजी शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों का होगा सत्यापन*
उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि शैक्षिक गुणवत्ता को दृष्टिगत रखते हुये श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी निजी शिक्षण संस्थानों में कार्यरत फैकल्टी का भौतिक सत्यापन किया जायेगा। जिससे यह पता लगाया जा सकेगा कि निजी शिक्षण संस्थानों में तैनात फैकल्टी यूजीसी एवं विश्वविद्यालय के नियमों के अनुरूप नियुक्त की गई हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि जिन संस्थानों में यूजीसी के मानकों के अनुरूप फैकल्टी की तैनाती नहीं पाई जायेगी, उन संस्थानों की मान्यता मानक पूर्ण करने तक निलंबित रखी जायेगी। इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन को एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर सभी सम्बद्ध निजी संस्थानों की जांच के निर्देश दे दिये गये हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments