देहरादून, 24 जुलाई। राज्य सरकार ने 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को परीक्षाफल सुधार कार्यक्रम के तहत उत्तीर्ण होने का एक मौका दिया है। यह योजना प्रदेश में पहली बार शुरू की गई है, जिसमें वर्ष 2022-23 में उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राएं अपने परीक्षाफल को सुधार सकेंगे। परीक्षा का आयोजन प्रदेश के सभी विकासखंडों के 96 परीक्षा केन्द्रों पर किया जा रहा है, जिसमें हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के 23706 छात्र-छात्राएं शामिल होंगे।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा में परीक्षाफल सुधार के दृष्टिगत राज्य सरकार ने एक नई पहल शुरू की है।
जिसके तहत 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को उत्तीर्ण होने का एक मौका दिया जा रहा है। इसके अलावा ऐसे परीक्षार्थी जो किसी विषय में कम अंक लाये हों वह भी परीक्षा में शामिल होकर लाभान्वित हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि अक्सर कई छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षाओं में अच्छा स्कोर तो कर देते थे लेकिन किसी एक या दो विषय में फेल हो जाते थे, जिससे उनका साल बर्बाद हो जाता था। छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुये परीक्षाफल सुधार परीक्षा में परीक्षार्थी हाईस्कूल में अधिकतम दो विषयों तथा इंटरमीडिएट में एक विषय में परीक्षा दे सकता है। परीक्षा के आयोजन के लिये प्रदेशभर के सभी विकासखंडों में एक-एक परीक्षा केन्द्र बनाये गये हैं जबकि जनपद ऊधमसिंह नगर के रूद्रपुर विकासखंड में अधिक परीक्षार्थी होने के कारण दो परीक्षा केन्द्र बनाये गये हैं। परीक्षा का आयोजन 7 अगस्त से 12 अगस्त 2023 तक किया जायेगा। सभी परीक्षाएं एकल पाली में प्रातः 10 से दोपहर 1 बजे तक संपादित की जायेंगी। उत्तर पुस्तिकाओं के संकलन के लिये प्रत्येक जनपद में एक-एक संकलन केन्द्र बनाया गया है। जबकि उत्तर पुस्तिकाओं के मुल्यांकन हेतु मंडल स्तर पर एक-एक मुल्यांकन केन्द्र बनाये गये हैं। परीक्षाफल सुधार परीक्षा में इस बार हाईस्कूल के 13587 छात्र-छात्राओं ने 8 अगल-अलग विषयों तथा इंटरमीडिएट के 10119 छात्र-छात्राओं ने 28 अलग-अलग विषयों में आवेदन किया है। विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. रावत ने सभी छात्र-छात्राओं को परीक्षाफल सुधार परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन के लिये अग्रिम शुभकामनाएं दी।